69वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाऐं
ऐसे में हमें समग्र विकास के मॉडल की चर्चा ज़रूर छेड़नी चाहिए जब एक चर्चा ज़ोरों पर है कि 73 प्रतिशत सम्पत्ति के मालिक केवल 1 प्रतिशत लोग हो गये हैं। कमाल का आंकड़ा है 99 प्रतिशत जनता के लिए केवल 27 प्रतिशत ......! तसल्ली से विचार कीजिये कैसा और किसके लिए गणतंत्र बना रहे हैं हम।
"लोकतंत्र" संवाद आप सबका स्वागत करता है।
*आदरणीया कविता रावत जी
*आदरणीय अंशु माली रस्तोगी जी
चित्र साभार : गूगल
पिछला गणतंत्र दिवस हम नोटबंदी के ज़ख़्मों के साथ मना रहे थे और मौजूदा गणतंत्र दिवस पर जीएसटी की टीस चुभ रही है फिर भी हम ख़ुश हैं अपने गणतंत्र के लगातार फलने-फूलने पर। राजपथ पर शानदार परेड देशवासियों की रग-रग में जोश भरती हुई देशभक्ति का पावन जज़्बा जगाती है। ऐसे में हमें समग्र विकास के मॉडल की चर्चा ज़रूर छेड़नी चाहिए जब एक चर्चा ज़ोरों पर है कि 73 प्रतिशत सम्पत्ति के मालिक केवल 1 प्रतिशत लोग हो गये हैं। कमाल का आंकड़ा है 99 प्रतिशत जनता के लिए केवल 27 प्रतिशत ......! तसल्ली से विचार कीजिये कैसा और किसके लिए गणतंत्र बना रहे हैं हम।
"लोकतंत्र" संवाद आप सबका स्वागत करता है।
आज के रचनाकार :
*आदरणीया नीतू ठाकुर
*आदरणीय आचार्य बलवंत जी
*आदरणीय विश्व मोहन जी
*आदरणीया कविता रावत जी
*आदरणीय अंशु माली रस्तोगी जी
इस पतित पावनी भूमि पर दुश्मन भी जिस दिन आएगा,
नफरत का मंत्र भूलाकर वो इस मिटटी का हो जायेगा,
हम आज भुलाकर बैर सभी खुशियों को गले लगाएंगे,
कोई नफरत की डोर न हो हम ऐसा देश बनाएंगे,
इस देश का पवन पर्व है ये गणतंत्र दिवस मनाएंगे.
नफरत का मंत्र भूलाकर वो इस मिटटी का हो जायेगा,
हम आज भुलाकर बैर सभी खुशियों को गले लगाएंगे,
कोई नफरत की डोर न हो हम ऐसा देश बनाएंगे,
इस देश का पवन पर्व है ये गणतंत्र दिवस मनाएंगे.
जा पिया! (सुहागन का समर घोष).....विश्व मोहन
जा पिया , तु जा समर में,
संतति ये रक्तबीज के,
काल-चंडी को नचा दे.
छोड़, मेरे आंसूओं मे क्या रखा है?
सरकारी आयोजन मात्र नहीं हैं राष्ट्रीय त्यौहार
राष्ट्रीय त्यौहार हमें जाति, धर्म, भाषा, भौगोलिक परिस्थितियों से परे
एक सूत्र में बांधने में सहायक हैं। सामूहिक स्तर पर प्रेमभाव से इन्हें
मनाने से राष्ट्रीय स्तर पर भावनात्मक एकता को विशेष प्रेरणा और बल
मिलता रहे
एक सूत्र में बांधने में सहायक हैं। सामूहिक स्तर पर प्रेमभाव से इन्हें
मनाने से राष्ट्रीय स्तर पर भावनात्मक एकता को विशेष प्रेरणा और बल
मिलता रहे
मैं यह मानता हूं कि सेंसेक्स की कामयाबी देश की अर्थव्यवस्था का
सकारात्मक पहलू है। दुनिया बहुत उम्मीदों के साथ हमारी ओर देख
रही
है। चहूं ओर अपने देश का डंका बज रहा है। ऐसे में सेंसेक्स की
जिम्मेदारी डबल हो जाती है कि वो अपने आशावाद पर यों ही बना रहे।
सकारात्मक पहलू है। दुनिया बहुत उम्मीदों के साथ हमारी ओर देख
रही
है। चहूं ओर अपने देश का डंका बज रहा है। ऐसे में सेंसेक्स की
जिम्मेदारी डबल हो जाती है कि वो अपने आशावाद पर यों ही बना रहे।
सूचना - अब "लोकतंत्र संवाद" पर चुनिंदा रचनाऐं आपको प्रति सोमवार वाचन हेतु उपलब्ध होंगीं। अनुभव के आधार पर दैनिक प्रस्तुति पुनः प्रारम्भ की जायेगी।
धन्यवाद।
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