आवश्यक सूचना :
सप्ताह में प्रकशित होगा। इस अंक के लिये पाठकों से उनकी मौलिक स्वरचित अप्रकाशित एवं अप्रसारित
रचनाएँ आमंत्रित हैं। हमें आपकी रचनाएँ नीचे दिये ईमेल पर 5 सितंबर 2019 तक भेज सकते हैं-
editor.akshayagaurav@gmail.com
केवल एक ही रचना भेजने की अपेक्षा की जाती है।
रचना भेजने सम्बन्धी नियमों का अवश्य अवलोकन करें ताकि किसी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
पिछले दोनों अंकों ( जनवरी-मार्च / अप्रैल-जून 2019) के प्रिंट वर्ज़न उपलब्ध कराये जा रहे हैं। जिन रचनाकारों
की रचनाएँ इन अंकों में प्रकाशित हुईं हैं वे अपनी रचना को प्रिंट वर्ज़न में प्राप्त करके रचना प्रकाशन के
अनुभव को यादगार बना सकते हैं।
सधन्यवाद।
1. प्रेषित की गयी रचना पूर्णतः मौलिक, अप्रकाशित एवं अप्रसारित होनी चाहिए अन्यथा रचना पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। इस बाबत रचना के साथ घोषणा-पत्र संलग्न करें। (घोषणा-पत्र इस प्रकार होगा- "मैं यह घोषणा करता /करती हूँ कि प्रस्तुत रचना स्वरचित, निताँत मौलिक, अप्रकाशित एवं अप्रसारित है।" अंत में रचनाकार का पूरा नाम व पता (छायाचित्र के साथ संलग्न करें )।
2. रचना में मात्रा एवं टंकण की अशुद्धियाँ यथासंभव नहीं होनी चाहिए।
3. एक अंक हेतु केवल एक ही रचना हिंदी साहित्य की किसी भी विधा में प्रेषित की जानी चाहिए।
4. रचनाओं के चयन में अंतिम निर्णय संपादक मंडल का होगा।
5. रचना के स्वीकृत होने पर रचनाकार को ई-मेल द्वारा सूचित किया जाएगा एवं रचनाएँ अस्वीकृत होने की दशा में रचनाकार से कोई पत्राचार नहीं किया जाएगा।
6. रचना केवल क्रुतिदेव 101 अथवा यूनिकोड में हो तो बेहतर होगा।
7. रचना प्रकाशित करने के लिये न ही कोई शुल्क लिया अथवा दिया जाएगा। यह पूर्णतः हिंदी साहित्य के सम्वर्धन हेतु प्रारम्भ की गयी अव्यवसायिक पत्रिका है।
8. रचना में विवादित सामग्री अथवा किसी भी धर्म,सम्प्रदाय, नश्ल, जाति एवं धार्मिक-सामाजिक विशिष्ट पहचान सूचक सम्बन्धी शब्दों का प्रयोग न करें और यदि रचनाकार फिर भी इन बातों को नजरअंदाज करते हुए ऐसी रचनाओं का सृजन करता है और रचना प्रकाशित हो जाती है तो सम्पूर्ण जवाबदेही उक्त रचनाकार की ही होगी न कि सम्पादक व प्रकाशक की।
9. हिंदी साहित्य की सभी विधाओं की रचनाएँ नीचे दिए गये ई-मेल पर प्रेषित करें-
editor.akshayagaurav@gmail.com
10. प्रेषित रचना में किसी भी लिंक का उल्लेख न करें।
11. रचनाएँ प्रेषित करने की अंतिम तिथि : 05 सितम्बर 2019 तक रचनाएँ हमें प्रेषित की जा सकती हैं। निर्धारित समय के पश्चात प्राप्त रचनाओं पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
ई-पत्रिका "अक्षय गौरव" आप सभी रचनाकारों एवं सुधि पाठकों का साहित्य सृजन के अभिनव प्रयोग एवं आयोजन में स्वागत करती है।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (23-08-2019) को "संवाद के बिना लघुकथा सम्भव है क्या" (चर्चा अंक- 3436) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार जानकारी के लिये।
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